D.N. Barola
चौंकाने की बात नहीं है पर यह सच है कि उत्तराखंड के ग्रामीण अंचल मैं निहत्थी पुलिस आज भी कार्य कर रही है. गाँधी के देस मैं अजूबा पटवारी अहिंसक पुलिस के रुप मैं पिछले २०० सालों से सुचारू रुप से कार्य कर रही है. धारा ३०२ जैसे जघन्य अपराध की जांच भी पटवारी ही करता है हथियार के नाम पर उसके पास एक डंडा ही होता है. मुलजिम को बंद करने के लिए कमरा भी नहीं होता. रात्रि को अपराधी को बंद करने हेतु वह अक्सर हत्गादी hatgari को अपराधी व खुद के हाथ मैं बांध लेटा था. पटवारी को वर्दी भी नहीं मिलती ऐसे मैं कौन अपराधी है कौन पटवारी पहिचानाना था. मुश्किल हो जाता. मैं संसार का एक मात्र अजूबा पटवारी ट्रेनिंग स्कूल है. पहाड़ कि शांत प्रिय जनता पटवारी व्यवस्था को अच्छा समझती है.
K.S.RAWAT
UTTARANCHAL, UTTARAKHAND
KUMAON, GARHWAL, GARHWALI
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